प्रेम दिवस हर क्षण चलता ही रहता है! प्रेम का प्रवाह बहता रहता है ! हर जीव आत्मा को तृप्त कर आंनद, उमंग और तंरग से भरकर प्रेम और भावना की क्षण-क्षण अमृत वर्षा से आत्मा को तृप्त कर आंनद का भागी बनता है !! ।। श्री परमात्मने नमः।।
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