गुणवान मनुष्य के संपर्क में रहकर सामान्य मनुष्य भी गौरव प्राप्त करता है जैसे कि फूलों के हार में रहकर धागा भी मस्तक के ऊपर स्थान प्राप्त करता है। ।। श्री परमात्मने नमः।।
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