Tuesday 1 November 2016

सर्वत्र सत्य

ईश्वर सत्य है, आत्मा सत्य है, प्रभु की त्रिगुणमयी लीला सत्य है, सर्वत्र सत्य ही सत्य व्याप्त हो रहा है। जीवन के कण-कण की एक ही प्यास है-'सत्य’।
।।श्री परमात्मने नम:।।

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