Sunday 20 November 2016

व्यक्तित्व

व्‍यक्‍तित्‍व हमेशा तड़पता हुआ अतृप्‍त, हमेशा अधूरा और बेचैन रहता है। यह तड़पता हुआ व्‍यक्‍तित्‍व समाज में अनाचार पैदा करता है क्‍योंकि तड़पता हुआ व्‍यक्‍तित्‍व प्रेम को जब खोजने निकलता है तो उसे विवाह में प्रेम नहीं मिलता। वह विवाह के अतिरक्‍ति प्रेम को खोजने की कोशिश करता है।

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