हमारे सारे अनुभव और जानकारी हमारे अवचेतन में संचित रहते हैं परन्तु जब कभी हम उनका उपयोग करना चाहते हैं तो वे चेतन का हिस्सा बन जाते हैं। सिग्मण्ड फ्रायड के अनुसार हमारी दमित इच्छाएँ एवं विचार अवचेतन में संचित रहते हैं। ये हमारे व्यक्तित्व को बनाते व प्रभावित करते हैं और हमारे व्यवहार एवं आचार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
।। श्री परमात्मने नमः।।
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