Wednesday 28 November 2018

मंजिल

क्यों डरें कि जिंदगी में क्या होगा,
हर वक्त क्यों सोचें कि बुरा होगा।
बढ़ते रहें मंजिलों की ओर हम,
कुछ न भी मिला तो क्या तजुर्बा तो नया होगा।
।। श्री परमात्मने नमः।।

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