अब भी न हम जागे तो फिर कुछ भी कर न पायेंगे, संकट के दौर से गुजरेंगे अगर हम लड़ न पायेंगे। जब मिलकर धरती के न जल और न जंगल बचा पाए तो चैन से हम न जी पायेंगे और न सुख से मर पायेंगे। ।। श्री परमात्मने नमः।।
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