ब्रह्मज्ञान के लिए विवाहित या कुंवारा कोई मायने नहीं रखता दोनों ही इसे जान सकते हैैं। बस केवल यही समझना है कि क्या नित्य है और क्या अनित्य है? ।। श्री परमात्मने नमः।।
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