Tuesday 14 February 2017

मिश्रित

क़ाबिल लोग न तो किसी को दबाते हैं और न ही किसी से दबते हैं। ज़माना भी अजीब है, नाकामयाब लोगों का मज़ाक उड़ाता है और कामयाब लोगों से जलता है। कैसी विडंबना है कुछ लोग जीते-जी मर जाते हैं और कुछ लोग मर कर भी अमर हो जाते हैं।

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