हजार वर्ष की अपनी तपस्या से क्षण-मात्र की गुरु कृपा की दौलत कहीं ज़्यादा फ़ायदेमंद होती है। यह धन अपनी साधना के बल पर प्राप्त करना असम्भव तो नहीं है परन्तु अति कठिन है।
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