Sunday 23 October 2016

केवल परमात्मा है

यह सृष्टि परमात्मा से भिन्न नहीं है यह उसका नृत्य है तो परमात्मा नर्तक है। यह सृष्टि  उसकी कृति नहीं है। यह कोई बनायी हुई मूर्ति नहीं कि परमात्मा ने बनाया और वह अलग हो गया बल्कि परमात्मा इसके भीतर मौजूद है। वह अलग हो जाएगा तो नर्तन बंद हो जाएगा और नर्तन बंद हो जाएगा फिर परमात्मा भी खो जाएगा।
।।श्री परमात्मने नम:।।

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