।।जय माता दी।। यहाँ कोई नहीं अपना, माँ तेरा ही इक सहारा है। मैंने देख लिया सबको तभी तो संसार को तिलांजलि देकर हारकर अब माँ तुम को पुकारा है। कहीं डूब ना जाऊ मैं, माँ मेरा हाथ पकड़ रखना। माँ सदा मुझ पर रहमत की नज़र रखना।
No comments:
Post a Comment