Sunday 23 December 2018

समर्पण

जीवन में जो भी करना है पूरे समर्पण के साथ कीजिए। यदि प्रेम करना है तो मीरा की तरह प्रेम  कीजिए। प्रतीक्षा करनी है तो शबरी की तरह प्रतीक्षा  कीजिए। भक्ति करनी है तो हनुमान की तरह भक्ति  कीजिए। शिष्य बनना है तो अर्जुन के समान शिष्य बनिए और मित्र बनना है तो स्वयं श्रीकृष्ण के समान मित्र बनिए।
।। श्री परमात्मने नमः।।

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