जीवन में जो भी करना है पूरे समर्पण के साथ कीजिए। यदि प्रेम करना है तो मीरा की तरह प्रेम कीजिए। प्रतीक्षा करनी है तो शबरी की तरह प्रतीक्षा कीजिए। भक्ति करनी है तो हनुमान की तरह भक्ति कीजिए। शिष्य बनना है तो अर्जुन के समान शिष्य बनिए और मित्र बनना है तो स्वयं श्रीकृष्ण के समान मित्र बनिए।
।। श्री परमात्मने नमः।।
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