किसी भी रिश्ते को जीवंत रखने के लिये हृदय से प्रेम अति आवश्यक है। लोग केवल अफ़सोस से कहते हैं कि कोई किसी का नहीं है लेकिन यह क्यों नहीं सोचते कि हम किसके हुए? ।। श्री परमात्मने नमः।।
No comments:
Post a Comment