कर्म और भाग्य- लोग कहते हैं कि ईश्वर सबका भाग्य लिखता है! यदि ऐसा होता तो परमात्मा सबका भाग्य बहुत ही अच्छा लिखता और दुनिया में किसी को कोई दुःख नहीं होता पर ऐसा नहीं है! ईश्वर ने हर किसी को कर्म-रूपी एक ऐसी कलम दी है जिसके द्वारा वह अपना भाग्य स्वयं लिख सकता है !!
।। श्री परमात्मने नमः।।
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