Wednesday 19 September 2018

चरित्र

रामायण में दो व्यक्ति थे एक विभीषण और एक कैकेयी! विभीषण रावण के राज मे रहता था फिर भी नही बिगडा! कैकेयी राम के राज में रहती थी फिर भी नही सुधरी! तात्पर्य सुधरना एवं बिगड़ना केवल मनुष्य के सोच और स्वभाव पर निर्भर होता है माहौल पर नहींं! रावण सीता को समझा समझा कर हार गया था पर सीता ने रावण की तरफ एक बार भी देखा तक नहीं तब मंदोदरी ने उपाय बताया कि तुम राम बनकर सीता के पास जाओ वो तुम्हे जरूर देखेगी! रावण ने कहा - मैं ऐसा कई बार कर चुका हूँ!
मंदोदरी - तब क्या सीता ने आपकी ओर देखा?
रावण - मैं खुद सीता को नहीं देख सका क्योंकि मैं जब-जब राम बनता हूँ मुझे परायी नारी अपनी माता और अपनी पुत्री-सी दिखती है! अपने अंदर राम को ढूंढें और उनके चरित्र पर चलें! आपसे भूलकर भी भूल नहीं होगी!
।। श्री परमात्मने नमः।।

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