अवचेतन मन का झुकाव जीवन की तरफ है। मानव का 90% से अधिक मानसिक जीवन अवचेतन है। अगर मानव इस अद्भुत शक्ति का प्रयोग नहीं करेगा तो मानव बहुत संकीर्ण सीमाओं में जीने के लिए अभिशप्त होगा। ।।श्री परमात्मने नम:।।
No comments:
Post a Comment