Sunday 29 September 2019

माँ

पूज्य माँ ग्रहण करो उद्गार आज जन-जन का नूतन प्यार,
हम बालक गण वृंद विहंगम इस प्रांगण में मस्त मगन मन,
समर्पित अभिनंदन शत बार आज जन-जन का नूतन प्यार ..
आशा,तड़पन,संगम,क्रंदन तुझको किस विधि करूँ नत वंदन?
तड़पन हो जाते गुलजार आज जन-जन का नूतन प्यार.......
युग-युग,प्रतिदिन,प्रतिक्षण,प्रतिपल तात सुखद जीवन तव अविरल,
चढ़ाते स्वर्णिम पुष्पक हार आज जन-जन का नूतन प्यार .....
पूज्य माँ ग्रहण करो उद्गार आज जन-जन का नूतन प्यार.....
।।श्री परमात्मने नमः।।

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