जीवन से पराजय शब्द पूरी तरह हटा दें क्योंकि जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं है।हर पराजय एक सीख है और हर जीत उस सीख का जश्न, इसलिये जीवन के किसी भी मोड़ पर रुकें नहीं। बस चलते रहें और सीखते रहें। ।।श्री परमात्मने नमः।।
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