कभी इनका हुआ मैं तो कभी उनका हुआ मैं... खुद के लिए कोशिश नहीं की मगर सबका हुआ मैं... मेरी हस्ती बहुत छोटी मेरा रूतबा नहीं कुछ भी... हे प्रभु ऐसी सामर्थ्य दे कि डूबतों के लिए सदा तिनका बना रहूँ मैं... ।। श्री परमात्मने नमः।।
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