अपनी अंतरात्मा को छोड़कर किसी के आगे मस्तक नहीं झुकाना चाहिए! ईश्वर हमारे अंदर ही विद्यमान हैं, इसका अनुभव करें। ।। श्री परमात्मने नमः।।
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