Thursday 27 June 2019

वास्तविक

हम न तो नास्तिक हैं और न ही आस्तिक हैं। हम तो केवल वास्तविक हैं। जो अच्छा लगे उसे ग्रहण करो और जो बुरा लगे उसका त्याग करो फिर चाहे वो विचार हो, कर्म हो, मनुष्य हो या फिर धर्म हो।
।। श्री परमात्मने नमः।।

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