परमात्मा हमारा भाग्य नहीं लिखता बल्कि जीवन के हर कदम पर हमारी सोच, हमारा बोल व हमारा कर्म ही हमारा भाग्य लिखता है! अतः सदा स्मरण रहे कि हर पल, कलम भी हमारी है, लिखावट भी हमारी है फिर तो भाग्य भी हमारा ही है! ।। जय हो ।।
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