सुनो मेरे कान्हा! तेरे दरबार में आकर ख़ुशी से फूल जाता हूँ, गम चाहे कैसा भी हो मैं आकर भूल जाता हूँ। बताने बात जो आऊँ वही मैं भूल जाता हूँ, ख़ुशी इतनी मिलती है कि मांगना भूल जाता हूँ। ।। श्री परमात्मने नमः।।
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