Saturday 10 June 2017

मनुष्य का हृदय

मनुष्य का हृदय कभी भी भरा नहीं जा सकता। धन से, पद से, ज्ञान से, किसी से भी भरो वह खाली ही रहेगा क्योंकि इन चीजों से भरने के लिए वह बना ही नहीं है। मनुष्य जितना पाता है उतना ही दरिद्र होता जाता है। हृदय की इच्छाएं कुछ भी पाकर शांत नहीं होती हैं क्योंकि हृदय तो परमात्मा को पाने के लिए बना है।
।। श्री परमात्मने नमः।।

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