Wednesday 9 October 2019

घमंड और पेट

घमंड और पेट जब ये दोनों बढतें हैं तब इन्सान चाह कर भी किसी को गले नहीं लगा सकता। जिस प्रकार नींबू के रस की एक बूँद हज़ारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है उसी प्रकार मनुष्य का अहंकार भी अच्छे से अच्छे संबंधों को बर्बाद कर देता है। यह सर्वविदित है कि सत्कर्म ही जीवन है। अतः हमें सत्कर्म ही करना चाहिए।
।।श्री परमात्मने नमः।।

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